Mustafa jane Rehmat Pe Lakhon Salam Lyrics in Hindi
मुस्तफ़ा जाने रहमत पे लाखों सलाम
शमए बज़्मे हिदायत पे लाखों सलाम
शहर यारे इरम ताजदारे हरम
नौ बहारे शफ़ाअत पे लाखों सलाम
शबे असरा के दूल्हा पे दायम दुरूद
नौ शए बज़्मे जन्नत पे लाखों सलाम
अर्श ता फर्श है जिसके ज़ेरे नगीं
उसकी क़ाहिर रियासत पे लाखों सलाम
(ज़ेरे नगीं – मातेहत , तसर्रुफ़ में )
हम गरीबो के आका पे बेहद दुरूद
हम फ़क़ीरों की सर्वत पे लाखों सलाम
( सर्वत- मालदारी , दौलतमन्दी )
दूरो नज़्दीक के सुनने वाले वो कान
काने लअले करामत पे लाखों सलाम
जिसके माथे शफ़ाअत का सेहरा रहा .
उस जबीने इनायत पे लाखों सलाम
( शफ़ाअत- सिफ़ारिश )
जिससे तारीक दिल जगमगाने लगे
उस चमक वाली रंगत पे लाखों सलाम
पतली पतली गुले क़ुद्स की पत्तियां
उन लबों की नज़ाकत पे लाखों सलाम
कुल जहां मिल्क और जौ की रोटी ग़िज़ा
उस शिकम की क़नाअत पे लाखों सलाम
(शिकम -पेट , क़नाअत -सब्र )
जिस सुहानी घडी चमका तैबा का चांद
उस दिल अफ़रोज़ साअत पे लाखों सलाम
पहले सजदे पे रौज़े अजल से दुरूद
याद गारिये उम्मत पे लाखों सलाम
जिस तरफ उठ गई दम में दम आ गया
उस निगाहें इनायत पे लाखों सलाम
वह ज़बाँ जिसको सब कुन की कुंजी कहे
उसकी नाफ़िज़ हुकूमत पे लाखों सलाम
जिसकी तस्कीं से रोते हुए हंस पडे
उस तबस्सुम की आदत पे लाखों सलाम
हाथ जिस सम्त उठा ग़नी कर दिया
मौजे बेहरे सख़ावत पे लाखों सलाम